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लड़की पटाना कोई सरल काम तो है नहीं. एक नहीं हजार जतन करो तब जाकर लड़की पटती है पर कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि लड़की पटे या नहीं लेकिन उसकी बहन जरूर पट जाती है. कुछ ऐसा ही निखिल के साथ हुआ. यह कहानी है निखिल और उसकी गर्लफ्रेंड करिश्मा की. दरअसल शुरुआत में निखिल अपनी गर्लफ्रेंड करिश्मा को खुश करने के लिए उसकी बहन मीता को ज्यादा महत्व देता हैं और अंत में निखिल-मीता ही एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं.
फिल्म: हंसी तो फंसी
बैनर: धर्मा प्रोडक्शन्स
निर्माता: करण जौहर, अनुराग कश्यप
निर्देशक: विनिल मैथ्यु
संगीत: विशाल-शेखर
कलाकार: सिद्धार्थ मल्होत्रा, परिणीति चोपड़ा, अदा शर्मा, शरत सक्सेना, समीर
रिलीज डेट: 7 फरवरी 2014
‘हंसी तो फंसी’ फिल्म की कहानी
हंसी तो फंसी फिल्म की कहानी है विद्रोही स्वभाव की मीता (परिणीति चोपड़ा) और शरारती निखिल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की. निखिल और मीता की पहली मुलाकात होती है मीता की बहन दीक्षा की शादी में जहां निखिल मीता को नहीं बल्कि उसकी बहन करिश्मा को दिल दे बैठता है और यहीं से शुरू हो जाता है निखिल का करिश्मा को पटाने का काम. आखिरकार निखिल अपनी कोशिशों में कामयाब हो जाता है और इस फिल्म की कहानी सीधे आती है उस शाम पर जब निखिल और करिश्मा की सगाई हो रही होती है.
करिश्मा के अमीर पिता इस रिश्ते से नाखुश होते हैं और उन्हें लगता है कि निखिल उनकी बेटी के योग्य नहीं है. सगाई के दिन करिश्मा से निखिल वादा करता है वह सात दिन में साबित करेगा कि वह योग्य पति बन सकता है, तब ही जाकर वह उससे शादी करेगा. करिश्मा अपनी बहन मीता की मुलाकात निखिल से करवाती है और निखिल को कहती है कि यदि उसने उसकी बहन मीता को पटा लिया तो उसके पिता भी शादी के लिए मान जाएंगे. करिश्मा को खुश करने के चक्कर में निखिल, मीता को अपने घर के ऊपर स्थित फ्लैट में रुकवाता है जहां उसका परिवार भी रहता है. निखिल के घर में रुकने के दौरान मीता और निखिल एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं. आगे की कहानी जानने के लिए देखें फिल्म हंसी तो फंसी.
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