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मासूम सा चेहरा लेकर चोरी करने के इरादे से उसके घर में जगह बना ली थी पर उसे क्या पता था कि वह उससे धीरे-धीरे प्यार कर बैठेगा. प्यार में हर कदम धीरे-धीरे बढ़ने का अलग ही मजा है ऐसा ही कुछ आधार बनाकर विक्रमादित्य ने फिल्म ‘लुटेरा’ की कहानी को निर्देशित किया है. फिल्म ‘उड़ान’ से हजारों दर्शकों को अपने निर्देशन का कायल बनाने वाले निर्देशक फिल्म ‘लुटेरा’ की कहानी के साथ काफी हद तक न्याय कर पाए हैं.
Lootera Movie
फिल्म लुटेरा की कहानी ‘ओ हेनरी’ के उपन्यास ‘द लास्ट लीफ’ से प्रभावित है. फिल्म में सोनाक्षी और रणवीर सिंह को अलग तरह के किरदार निभाने का मौका मिला है. रणवीर सिंह को फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ के बाद दर्शक दिलफेंक युवक की नजर से देखने लगे थे और सोनाक्षी को टॉप हीरो के साथ ठुमके लगाने वाली खूबसूरत गुड़िया समझते थे पर इस बार फिल्म लुटेरा में दोनों ही कलाकार अपने अभिनय के साथ न्याय कर पाए हैं.
Lootera Movie Rating
बैनर: बालाजी मोशन पिक्चर्स, फैंटम प्रोडक्शन्स
निर्माता: एकता कपूर, शोभा कपूर, अनुराग कश्यप, विकास बहल, मधु मटेंना, विक्रमादित्य मोटवानी
निर्देशक: विक्रमादित्य मोटवानी
संगीत: अमित त्रिवेदी
कलाकार: रणवीर सिंह (Ranveer Singh), सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha)
रिलीज डेट: 5 जुलाई 2013
रेटिंग: ****
Lootera Movie Review
लुटेरा की कहानी
फिल्म लुटेरा में पचास के दशक की उस कहानी को दिखाया गया है जब प्यार में हल्की रफ्तार के साथ चला जाता है. पचास के दशक की सरकार उन दिनों जमींदारी उन्मूलन कानून को लागू करने की फिराक में होती है पर बंगाल के एक गांव के जमींदार (बरून चंदा) को इस बात का जरा भी एहसास नहीं कि सरकार ऐसा कुछ करने की फिराक में है. जमींदार साहब अपनी बड़ी हवेली में अपनी इकलौती लाडली बेटी पाखी (सोनाक्षी सिन्हा) के साथ अपनी बसाई अलग दुनिया में ही जी रहे होते हैं. जमींदार (बरून चंदा) की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी बेटी पाखी होती है. एक दिन जमींदार साहब के पास एक युवक वरुण श्रीवास्तव (रणवीर सिंह) अपने एक दोस्त के साथ आता है और वो अपने आपको इंजीनियर बताता है.
वरुण श्रीवास्तव (रणवीर सिंह), जमींदार (बरून चंदा) की हवेली के आसपास की जमीन पर खुदाई करने की अनुमति मांगता है. जमींदार साहब खुदाई की अनुमति दे देते हैं और वरुण की काबिलियत से प्रभावित होकर जमींदार साहब उसे सर्किट हाउस की बजाए अपनी हवेली में ही रहने की अनुमति देते हैं. यहीं से पाखी और वरुण की प्रेम कहानी की शुरुआत होती है. दिल ही दिल में पाखी, वरुण को प्यार करने लगती है पर अचानक वरुण सब कुछ छोड़ कर चला जाता है क्योंकि वो जमींदार के यहां किसी खास मकसद से आया होता है. फिल्म लुटेरा में बड़े ही सहज रूप से एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है जिसमें लड़की को अपने दिल की बात कहने में समय लग जाता है और लड़का यह समझ ही नहीं पाता है कि वो भी प्यार करने लगा है.
लुटेरा दिल जीत लेगी या नहीं
फिल्म लुटेरा के निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने फिल्म की कहानी से साथ काफी हद तक न्याय किया है और सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को बहुत ही खूबसूरती के साथ निभाया है. सोनाक्षी सिन्हा ‘पाखी’ के किरदार के रूप में अपनी पिछली फिल्मों से अलग अभिनय कर पाई हैं और रणवीर सिंह भी इस फिल्म में अपनी दिलफेंक अभिनेता की छवि को पीछे छोड़ पाए हैं. फिल्म की शुरुआत में रणवीर की आवाज सोनाक्षी के सामने कुछ कम सुनाई पड़ती है पर इंटरवल के बाद रणवीर भी सोनाक्षी की एक्टिंग को टक्कर देते हैं. लुटेरा फिल्म का संगीत फिल्म की कहानी पर पूरी तरह से फिट है. ‘हवा के झोंके, कागज के दो पंख लेकर’ फिल्म लुटेरा का यह गाना दर्शकों को फिल्म की तरफ आकर्षित कर रहा है.
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