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मासूम से चेहरे वाली लड़की को देखते ही लड़का उससे प्यार कर बैठा पर लड़के को लड़की का नाम नहीं पता था इसलिए नाम जानने के लिए लड़की का पीछा करता रहा और इसी दौरान उसने लड़की से पंद्रह थप्पड़ खाए. यह दृश्य फिल्म रांझना की है. 21 जून मतलब आज फिल्म रांझना सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. निर्देशक आनंद एल. राय की फिल्म रांझना एक लव स्टोरी है जिसमें बचपन में किए गए प्यार का महत्व दिखाया गया है.
Raanjhanaa
बैनर: इरोज इंटरनेशनल
निर्माता: कृषिका लुल्ला
निर्देशक: आनंद एल. राय
संगीत: ए. आर. रहमान
कलाकार: धनुष, सोनम कपूर, अभय देओल
रिलीज डेट: 21 जून 2013
रेटिंग : ****
Raanjhanaa Review: Raanjhanaa Movie Story
रांझना फिल्म की कहानी
बनारस की तंग गलियों में बने घाटों के बीच एक मंदिर में कुंदन (धनुष) की फैमिली तमिलनाडु से आकर सेटल हो चुकी है और इन्हीं तंग गालियों में नन्हा कुंदन अपने सबसे खास दोस्त मुरली (जीशान) और हवलदार की बेटी बिंदिया के साथ दिन भर मौज मस्ती करता रहता है. जब दस साल का कुंदन पहली बार जोया (सोनम कपूर) को नमाज पढ़ते हुए देखता है तो उसी समय उससे प्यार करने लगता है. जोया का नाम जानने के लिए कुंदन जोया से पंद्रह थप्पड़ भी खाता है.
जोया अपनी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली जाती है और वहां उसे अकरम (अभय देओल) से प्यार हो जाता है. दिल्ली से पढ़ाई करने के बाद जब जोया बनारस लौटती है तो वो कुंदन से मदद मांगती है कि वो अकरम से उसकी शादी कराने में उसकी मदद करे. फिल्म रांझना की कहानी कुछ इसी तरह लव स्टोरी के साथ चलती रहती है और हां, फिल्म की कहानी के बीच में राजनीति का पुट भी डाला हुआ है.
Raanjhanaa Review
एक्टिंग: हिट या सुपरहिट
साउथ से आए तमिल एक्टर धनुष ने बनारस का लड़का लगने के लिए काफी खास मेहनत की है. फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने से पहले कहा जा रहा था कि धनुष ने हिंदी सीखने के लिए बनारस के लोगों के बीच कई दिन गुजारे थे. फिल्म रांझना को देखने के बाद यह कहना गलत ना होगा कि वास्तव में धनुष पूरी तरह तो नहीं पर हां, हिंदी बोलने में कामयाब हो पाए हैं. सोनम ने स्कूल की लड़की के किरदार से लेकर नुक्कड़ नाटक करने वाली जोया के किरदार को अच्छे ढंग से निभाया है. अभय देओल का रोल फिल्म रांझना में कुछ खास नहीं था पर जितना भी था वो अपने अकरम के किरदार को सही तरीके से निभा पाए हैं.
Raanjhanaa Music Director: Raanjhanaa Director
रांझना का निर्देशन और संगीत
आनंद एल. राय की स्क्रिप्ट पर अच्छी पकड़ है. बनारस की रियल लोकेशन पर उन्होंने हर किरदार के साथ अच्छी मेहनत की है. इंटरवल के बाद कहानी की रफ्तार सुस्त पड़ती है, लेकिन आखिरी 10 मिनट की फिल्म का जवाब नहीं. आनंद की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने हर किरदार को अच्छी फुटेज दी है. फिल्म रांझना की कामयाबी में उसके संगीत का सबसे बड़ा हाथ है. फिल्म का संगीत दर्शकों को फिल्म सिनेमाघरों में देखने के लिए आकर्षित कर रहा है. ए. आर. रहमान के संगीत का जादू दर्शकों पर छा गया है और गीतकार इरशाद कामिल ने भी फिल्म रांझना के संगीत में ए. आर. रहमान का अच्छा साथ निभाया है.
Raanjhanaa Review
क्यों देखें: यदि आपको लव स्टोरी पसंद है तो
क्यों ना देखें: यदि आप लव स्टोरी के बीच में राजनीति का पुट नहीं देखना चाहते हैं तो
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