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मर्दों की कमजोरी होती हैं खूबसूरत लड़कियां, जहां भी देखते हैं वहीं ताड़ना शुरू कर देते हैं. कुछ ऐसे ही यह चारों दोस्त हैं. इनका एक ही सपना है सुन्दर-सुन्दर लड़कियों के साथ प्रेम लीलाएं करना. रैगिंग, पार्टी, कॉलेज फेस्ट, रेव पार्टियों में जाकर धमाल करना और हर रोज नई लड़की पटाने के बारे में सोचना.
फिल्म: फुकरे
बैनर:एक्सेल एंटरटेनमेंट
निर्माता:फरहान अख्तर, रितेश सिधवानी
निर्देशक:मृगदीप सिंह लाम्बा
संगीत:राम सम्पत
कलाकार:पुलकित सम्राट, मनजोत सिंह, अली फज़ल, ऋचा चड्ढा, विशाखा सिंह
रिलीज डेट: 14 जून 2013
‘फुकरे’ की कहानी
कॉलेज के तीन साल, जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण साल होते हैं. पढ़ाई और मजे के इन तीन सालों में जिंदगी बहुत कुछ देती है. इन सालों में हमेशा रैगिंग, पार्टियों, कॉलेज फेस्ट, रेव पार्टियों के लिए पैसों का जुगाड़ करना बहुत ही मुश्किल होता है और माता-पिता से ज्यादा पैसों की उम्मीद करना भी बेकार होता है. फिल्म फुकरे की कहानी कुछ ऐसी ही है. अपनी-अपनी इच्छाओं के पीछे भागते हुए चार दोस्त एक सपना पूरा करने के लिए साथ आते हैं मगर उनके लिए अपने सपने को पूरा करना उतना आसान नहीं होता जितना उन्हें लगता है. सपनों को पूरा करना कोई कॉलेज के चौकीदार से एक्जाम पेपर लीक करवाने जैसा काम नहीं होता यह बात वो बहुत देर बाद समझ पाते हैं. क्या चारों फुकरे अपने सपनों को हकीकत में बदल पाएंगे? या वो हमेशा के लिए उसी अंधकार में खो जाएंगे जहां से वो आए थे?
बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट या नहीं
फिल्म ‘फुकरे’ जैसी फिल्म बॉलीवुड में पहले भी बन चुकी है पर कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जिन्हें आधार बनाकर कितनी भी फिल्में बनाई जाएं वो हिट तो हो ही जाती हैं जैसे कॉलेज टाइम, लव स्टोरी, रैगिंग जैसी बातों को आधार बनाकर बनी फिल्में दर्शकों को सिनेमाघरों में फिल्म देखने के लिए मजबूर कर पाती हैं.
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