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आजकल बॉलिवुड पर भी भूत-प्रेत और जादू-टोने का रंग चढ़ता दिखाई देने लगा है. तभी तो एक के बाद एक हॉरर थ्रिलर को पर्दे पर पेश किए जाने पर जोर दिया जा रहा है. पहले आई फिल्म राज 3, फिर तलाश, आत्मा और अब एक थी डायन. लेकिन अभी तक जितनी भी फिल्में रिलीज हुई थीं वह दर्शकों को डराने में नाकामयाब साबित हुई थीं, हालांकि तलाश एक मर्डर मिस्ट्री फिल्म ज्यादा थी इसीलिए उसमें भूत-प्रेत जैसी सीन कम ही थे लेकिन बाकी दोनों फिल्मों की थीम हॉरर थी पर फिर भी वे नाकामयाब ही साबित हुईं. लेकिन आज सिनेमाघरों में अपनी किस्मत आजमाने उतरी फिल्म ‘एक थी डायन’ एक ऐसी हॉरर मूवी है जिसमें कहानी के साथ-साथ दर्शकों को डराने की क्षमता भी है.
Ek Thi Dayan Film Review in Hindi
बैनर: बालाजी टेलीफिल्म्स लि., विशाल भारद्वाज पिक्चर्स प्रा.लि.
निर्माता: एकता कपूर, शोभा कपूर, विशाल भारद्वाज, रेखा भारद्वाज
निर्देशक: कानन अय्यर
संगीत: विशाल भारद्वाज
कलाकार: इमरान हाशमी (Emraan Hashmi), कोंकणा सेन शर्मा (Konkana sen Sharma), कल्कि कोचलिन, हुमा कुरैशी
रेटिंग: *** (तीन स्टार)
Ek Thi Dayan Film Review in Hindi
एक थी डायन (Ek Thi Dayan Film Story in Hindi ) फिल्म की कहानी कोंकणा सेन शर्मा के पिता मुकुल शर्मा की एक लघु कहानी पर आधारित है. निर्माता विशाल भारद्वाज के कहने पर ही मुकुल शर्मा ने इस लघु कहानी को उपन्यास का रूप दिया और इसके बाद इस उपन्यास पर इस फिल्म का निर्माण किया गया.
एक थी डायन (Ek Thi Dayan Film Story in Hindi ) एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है जिसकी कहानी बोबो (इमरान हाशमी) नामक एक मशहूर जादूगर के जीवन के ईर्द-गिर्द घूमती है. बोबो हमेशा परेशान सा रहता है, उसके जीवन में हमेशा उथल-पुथल मची रहती है लेकिन इन सब हलचलों के बारे में उसकी गर्लफ्रेंड तमारा (हुमा कुरैशी) तक को पता नहीं होता.
बोबो कई बार बेहद अजीबोगरीब हरकतें करता है इसीलिए वह एक साइकेट्रिक की मदद लेने लगता है. मनोवैज्ञानिक उसे सम्मोहित करके उसके अतीत में जाने की कोशिश करता है और इस दौरान बोबो के बचपन से जुड़ी कुछ खौफनाएं बातें सामने आने लगती हैं. बोबो को याद आता है कि एक डायन ने उसके पूरे परिवार को समाप्त कर दिया था और जाते-जाते वह यह भी कह जाती है कि वह उसे भी चैन से जीने नहीं देगी.
पहले बोबो इन सारी बातों को इग्नोर कर देता है लेकिन जब वह अपने कॅरियर की ऊंचाइयां छू रहा होता है तो उसके जीवन में लीसा दत्ता (कल्कि कोचलिन) नाम की एक महिला का आगमन होता है और बोबो को यह यकीन हो जाता है कि लीसा एक डायन है.
निर्देशन: फिल्म के निर्माता विशाल भारद्वाज और एकता कपूर ने एक नए चेहरे कन्न अय्यर पर विश्वास दिखाकर कोई गलती नहीं की. फिल्म की कहानी के हिसाब से निर्देशन वाकई कबिले तारीफ है. लेकिन इंटरवल तक आते-आते फिल्म थोड़ी धीमी गति पकड़ लेती है लेकिन फिल्म का सस्पेंस और हॉरर आपको बोर नहीं होने देगा.
अभिनय: कलाकारों की एक्टिंग देखने लायक है. इमरान हाशमी ऐसी थ्रिलर फिल्मों में अच्छी पकड़ रखते हैं. साथ ही कल्कि कोचलिन भी शैतान जैसी सस्पेंस फिल्म में काम कर चुकी हैं. हुमा कुरैशी और कोंकणा सेन शर्मा तो वैसे भी अपने दमदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं.
क्यों देखें: एक थी डायन अपनी तरह की पहली हॉरर फिल्म है. एक मजेदार एक्सपेरिमेंट है, जिसे ना देखना आप बिल्कुल अफोर्ड नहीं कर सकते.
क्यों ना देखें: अगर आपको यकीन है कि बॉलिवुड में कभी अच्छी हॉरर फिल्म नहीं बन सकती.
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