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Romantic Comedy
40 की प्रेमिका और 45 का प्रेमी… कितना अजीब है ना. लेकिन शायद प्यार इसी का नाम है. प्यार कभी उम्र नहीं देखता, देखता है तो सिर्फ जज्बात. “शिरीं फरहाद की तो निकल पड़ी” भी इसी जज्बात को बयां करती एक परफेक्ट रोमांटिक कॉमेडी है.
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Shiri Farhad ki toh Nikal Padi
कोरियोग्राफर फराह खान फिल्म ‘शिरीं फरहाद की तो निकल पड़ी’ से एक्टिंग में शुरुआत करने जा रही हैं. फराह खान ना ही सुंदर हैं ना ही खास आकर्षक लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को जिस तरह इस फिल्म के लिए तैयार किया वह काबिलेतारीफ है. आज यह फिल्म रिलीज हो गई है. आइए जानते हैं कैसी है यह फिल्म.
फिल्म: शिरीं फरहाद की तो निकल पड़ी
बैनर: इरोज इंटरनेशनल, एसएलबी फिल्म्स
निर्माता: संजय लीला भंसाली, सुनील ए. लुल्ला
निर्देशक: बेला भंसाली सहगल (संजय लीला भंसाली की बहन)
संगीत: जीत गांगुली
कलाकार: बोमन ईरानी, फराह खान, कविन दवे, शम्मी, डेजी ईरानी
फिल्म की कहानी
शिरीं फरहाद की कहानी एक 45 साल के अविवाहित व्यक्ति और एक 45 साल की महिला की है. फिल्म में फरहाद पसताकिया (बोमन इरानी) ब्रा और पेंटी के सेल्समैन की भूमिका में हैं. 45 साल के फरहाद के ईर्द-गिर्द यूं तो लड़कियों की लाइन लगी रहती है लेकिन उनकी निजी जिंदगी में सिर्फ दो महिलाएं हैं – एक उनकी मां नरगिस और दूसरी दादी मां सिलू. फरहाद को सबसे बड़ा दुख इसी बात का है कि बेचारे की अब तक शादी नहीं हुई है.
इसी बीच दुकान पर उसकी मुलाकात होती है शीरीं फुगावाला (फरहा) से जिससे उसे पहली ही नजर में प्यार हो जाता है. शीरीं भी जिंदगी में अकेली है और उसे भी फरहाद से प्यार हो जाता है. लेकिन प्यार करने वालों की राह आसान कहां होती है. दोनों के प्यार के बीच आ जाती हैं फरहाद की मां. फरहाद की मां नरगिस को पता चलता है कि उनके बेटे के सपनों की रानी उनकी कट्टर दुश्मन है. क्या फरहाद को शिरीन मिलती है? यह जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
Shirin Farhad Ki Toh Nikal Padi Movie review: फिल्म समीक्षा
यह फिल्म कोरियोग्राफर फराह खान की पहली फिल्म है. वह इस फिल्म के लिए तभी राजी हुईं जब उनके निर्माता ने फिल्म से अंतरंग सीन हटा दिए. फिल्म की कहानी के मुताबिक बोमन ईरानी और फराह खान को एक अंतरंग दृश्य करना था जिसको लेकर फराह सहज नहीं थीं.
संजय लीला भंसाली और सुनील लुला इसके संयुक्त निर्माता हैं. भंसाली की बहन बेला सहगल की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है. संजय भंसाली की बहन ने इस फिल्म को बेहतरीन बनाने की बहुत कोशिश की है जिसमें वह काफी हद तक सफल भी रही हैं.
फिल्म का संगीत कुछ खास नहीं है लेकिन फिल्म में बिलकुल फिट बैठता है. अगर आपको “एक था टाइगर” का एक्शन पसंद ना हो तो आप इस फिल्म को जरूर देखने जा सकते हैं.
Shirin Farhad Ki Toh Nikal Padi Movie review
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