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हिन्दी सिनेमा में आपने यूं तो अभी तक कई रोमांटिक फिल्में देखी होंगी लेकिन हाल के सालों में कोई ऐसी फिल्म नहीं आई है जिसमें ‘लव एट फर्स्ट साइट’ जैसी चीज को बहुत बारीकी से दिखाया गया हो. लेकिन इस हफ्ते पर्दे पर लगी “एक दीवाना था” ने रोमांटिक फिल्मों के शौकीनों के लिए एक नया रास्ता खोला है. प्रतीक बब्बर और एमी जैक्सीन की रोमांटिक जोड़ी ने पर्दे पर दर्शकों को कुछ देर के लिए प्यार का नया अहसास कराया लेकिन जितनी चर्चा इस फिल्म की थी उतना कुछ इस फिल्म में देखने को नहीं मिला. युवाओं के लिए भी फिल्म में सिर्फ कुछ रोमांटिक सीन के अलावा कुछ नया नहीं था.
फिल्म का नाम: एक दिवाना था
मुख्य कलाकार: प्रतीक, एमी जैक्सन, मनु ऋषि, सचिन खेडेकर आदि
निर्देशक: गौतम मेनन
तकनीकी टीम: निर्माता-गौतम मेनन, रेशमा घटाला, वेंकट सोमासुंदरम, लेखक-गौतम मेनन, गीत-जावेद अख्तर, संगीत-ए आर रहमान
रेटिंग: *1/2
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी बड़ी सिपंल सी है. सचिन (प्रतीक बब्बर) एक हिंदू लड़का है जो अपने जीवन के प्रति बड़ा बेफिक्र और लापरवाह है. और फिल्म की नायिका जेसी (एमी जैक्शन) एक ईसाई लड़की है जो घरेलू और पारंपरिक है. सचिन मुंबई के मध्यवर्गीय परिवार का आम लड़का है जिसे हिंदी फिल्मों का बहुत क्रेज है और जेसी रूढि़वादी मलयाली ईसाई परिवार की खूबसूरत लड़की. दोनों मिलते हैं और दोनों में प्यार हो जाता है. लेकिन जेसी के परिवार को सचिन पसंद नहीं है जिसकी वजह उसका गैर-मुस्लिम होना है. अब बेचारा आशिक सोच में है कि आखिर कैसे 21वीं सदी के लोग जाति और धर्म के चक्कर में फंस कर दो जवां दिलों को मिलने नहीं देते.
अनय (मनु ऋषि) के रूप में फिल्म को एक अच्छा किरदार मिल जाता है. वह अपनी विनोदप्रियता और टिप्पणियों से इस एकरस प्रेम कहानी में हंसी की बौछारें लाता रहता है.
समीक्षा
देश की भाषायी विविधता का एक बड़ा लाभ है कि किसी एक भाषा में फिल्म सफल हो जाए तो दूसरी भाषाओं में उसे डब या रीमेक कर आप अपनी सफलता दोहरा सकते हैं. पैसे भी कमा सकते हैं. सफल फिल्म को अनेक भाषाओं में बनाना क्रिएटिविटी से अधिक बिजनेस से जुड़ा मामला है. बहरहाल, एक दीवाना था पहले तमिल में बनी, फिर तेलुगू और अब हिंदी में आई है. भाषा बदलने के साथ किरदारों के नाम और पहचान में छोटा बदलाव भर किया गया है. बाकी फिल्म ओरिजनल के आसपास ही है. एक दीवाना था में नए एक्टर लिए गए हैं – प्रतीक और एमी जैक्सन.
प्रतीक को अभी लंबा सफर तय करना है. उन्होंने अपने कॅरियर की अभी शुरूआत ही की है. उन्हें अपनी डायलॉग डिलीवरी और एक्सप्रेशन पर मेहनत करने की जरूरत है. जेसी(एमी जैकसन) को केरल की बताने के बाद सांवला रंग देने में कई शेड्स इस्तेमाल किए गए हैं.
इस फिल्म के प्रचार में जावेद अख्तर और एआर रहमान की म्यूजिकल जोड़ी को रेखांकित किया गया है. इस जोड़ी के बावजूद फिल्म का कोई गीत थिएटर से निकलने के बाद याद नहीं रहता. यहां तक की रहमान की आवाज का जादू भी इस फिल्म में बेअसर हो गया है. हां, होस्साना का फिल्मांकन रोमांचक है.
इस फिल्म को देखने के बाद आपको जूली और एक दूजे के लिए जैसी फिल्मों की याद आएगी.
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