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लूट : फिल्म समीक्षा

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लंबे अर्से बाद अभिनेता गोविंदा किसी फिल्म में दर्शकों को हंसी से लोट पोट करने के लिए पर्दे पर आ रहे हैं. हालांकि अब उनमें वह जादू नहीं रहा जिसकी वजह से लोग उन्हें कॉमेडी किंग कहते थे पर कहते हैं शेर चाहे कितना भी पुराना क्यूं ना हो जाए शिकार करना नहीं भूलता. इसी तरह एक बार फिर अपनी सारी शक्ति बटोर कर गोविंदा ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा है. फिल्म तो पिछले साल ही पूरी हो गई थी पर वित्तीय परेशानियों के चलते इसके प्रदर्शन में इतनी देरी हुई. इसका निर्देशन रजनीश ठाकुर ने किया है. इसमें एक तरफ गोविंदा हैं तो दूसरी तरफ महाक्षय चक्रवर्ती फिल्म में अचानक सामने आए हैं.


इस फिल्म के साथ गायक मीका ने भी अभिनय की दुनिया में कदम रखा है. दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से बड़े बजट की फिल्में आनी लगभग बंद हो गई थीं पर “रा वन” की कामयाबी और छुट्टियों के खत्म होते ही बड़ी फिल्में पर्दे पर आने को तैयार हैं. इस हफ्ते जैसे लूट रिलीज हुई है वैसे ही अगले हफ्ते फिल्म “रॉकस्टार” आएगी.


Loot Movie Reviewफिल्म: लूट

कलाकार: गोविंदा, सुनील शेट्टी, जावेद जाफरी, श्वेता भारद्वाज, महाक्षय चक्रवर्ती, रवि किशन, मीका सिंह, महेश मांजरेकर, किम शर्मा और राखी सावंत

निर्माता: शब्बीर बॉक्सवाला, अनूप गांधी

निर्देशक: रजनीश ठाकुर

गीत: श्रवण सिन्हा, शब्बीर अहमद

संगीत: शमीर टंडन

रेटिंग: *1/2


फिल्म की कहानी चार ठगों के ईर्द-गिर्द घूमती है. पंडित (गोविंदा), अकबर (जावेद जाफरी), विलसन (महाक्षय चक्रवर्ती) और बिल्डर (सुनील शेट्टी) ठग हैं. मुंबई में छोटी-मोटी चोरी करके अपना गुजारा चलाने वाले पंडित(गोविंदा) की मुलाकात एक दिन बिल्डर (सुनील शेट्टी) से होती है जो डॉन के लिए काम करता है. बिल्डर पंडित को बैंकॉक में गहनों की चोरी करने का प्लान बताता है और काम के बदले बड़ी रकम का भरोसा देता है. फिर क्या है पंडित अपने दोस्त अकबर (जावेद जाफरी) और विलसन (महाक्षय चक्रवती)  के साथ बैंकाक में गहने चुराने के मिशन पर चल निकलता हैं.  वे एक कैसिनो और एक होटल को लूटने की योजना बनाते हैं लेकिन मुसीबत में फंस जाते हैं. आगे की कहानी में यही है कि कैसे यह बड़ी-बड़ी मुसीबतों में फंसते हैं अपनी गलतियों से दर्शकों को हंसाते हैं.


समीक्षा

फिल्म की कहानी बेदम लगती है जिस पर कलाकारों ने अपने औसत अभिनय से और भी कचरा कर दिया है. फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जो आपने पहले ना देखा हो. किम शर्मा का बोल्ड रूप, गोविंदा का वही मजाकिया अंदाज और सुनील शेट्टी का किरदार में जबरदस्ती घुसना आपको पहले भी देखा सा लगेगा. निर्देशक ने भी कलाकारों से बेहतरीन काम निकालने के लिए जोर नहीं दिया.


अगर अभिनय की बात की जाए तो फिल्म में आधा दर्जन से भी अधिक कलाकार हैं पर एक भी कलाकार ने अपने किरदार के साथ न्याय नहीं किया. गोविंदा ने जरूर प्रभावित किया है पर शायद वह भूल गए हैं कि वह एक समय बॉलिवुड के नंबर वन अभिनेता थे और उनसे दर्शक हमेशा उम्दा अभिनय की ही उम्मीद करते हैं. सुनील शेट्टी को भी मेहनत करने की जरूरत है. मीका ने पहली बार अभिनय के क्षेत्र में हाथ अजामाया है और उन्हें भी लगा होगा कि स्टेज के पीछे गाना गाने में ही वह बेहतर फिट होते हैं.


लूट अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे महाक्षय के लिए बहुत महत्वपूर्ण फिल्म है. उनकी पहले की दोनों फिल्में जिमी और हांटेड असफल रही थीं. यह फिल्म मॉडल से अभिनेत्री बनीं श्वेता भारद्वाज के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. श्वेता की भी पहली दोनों फिल्में मिशन इस्तांबुल और बिन बुलाए बाराती कोई कमाल नहीं कर सकी थीं.


जावेद जाफरी, महेश मांजरेकर और प्रेम चोपड़ा जैसे सीनियर एक्टरों के लिए फिल्म में कुछ खास नहीं था. फिल्म में ऐसा कोई गाना भी नहीं है जिसे आप सिनेमाघर के बाहर गुनागुना सकेंगे. कुल मिलाकर पिछले काफी लंबे समय से जिस तरह छोटी बजट की फिल्में पिट रही हैं उनकी गिनती में एक नाम और जुड़ गया है.

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