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हिन्दी फिल्मों में 90 के दशक में कुछ ऐसी फिल्में बना करती थीं जिसमें एक अकेला इंसान सिस्टम को बदलने के लिए कई-कई गुण्डों को अकेला खत्म कर देता था. अभिनय और ड्रामे का यह मेल हाल के सालों में कहीं गुम सा हो गया था पर राहुल शेट्टी के निर्देशन में बनी “सिंघम” आपको जरूर पुराने दौर की एक्शन फिल्म की याद दिलाएगी जिसमें नया तड़का लगाया गया है. किस तरह एक वर्दी वाला हीरो जनता के दर्द को देखकर अकेले ही पूरी व्यवस्था से लड़ता है यही “सिंघम” की कहानी है.
फिल्म का नाम : सिंघम
निर्देशक : रोहित शेट्टी
कलाकार : अजय देवगन, काजल अग्रवाल, प्रकाशराज, सोनाली कुलकर्णी, सचिन खेड़ेकर.
संगीत : अजय-अतुल
रेटिंग : **1/2
“सिंघम” फिल्म की कहानी : Story of Singham
“सिंघम”मूलत : तमिल फिल्म सिंघम की ही रिमेक है. फिल्म की कहानी महाराष्ट्र की पृष्टभूमि पर आधारित है. फिल्म में अजय देवगन एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका में हैं जिसका नाम बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) है. बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) एक ईमानदार पुलिस इंसपेक्टर है जिसकी वजह से लोग उसे सम्मान की नजरों से देखते हैं. गरीबों की मदद करना और समाज में फैली गंदगी को मिटाने के उसके अपने फंडे हैं. लेकिन उसकी ईमानदारी से तंग आकर उसका तबादला गोवा कर दिया जाता है जहां एक भ्रष्ट नेता जयकांत शिक्रे (प्रकाश राज) का राज चलता है. राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ वह एक बड़ा अपराधी है. यहीं बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) की मुलाकात सोनाली कुलकर्णी से होती है जो एक ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर राकेश कदम की विधवा है. राकेश के परिवार से मिलने के बाद बाजीराव को अहसास होता है कि मौजूदा व्यवस्था को बदलने की जरूरत है.
इसके बाद बाजीराव सिंघम जयकांत शिक्रे (प्रकाश राज) के खिलाफ कानून के दायरे में रह कर ही उसके खिलाफ सबूत जमा करता है.
“सिंघम” फिल्म की समीक्षा : Singham Movie Review
“गोलमाल” जैसी सफल कॉमेडी फिल्मों का निर्देशन करने के बाद रोहित शेट्टी ने अजय देवगन के साथ मिलकर एक अच्छी फिल्म बनाई है. फिल्म में स्टंट्स का प्रयोग वैसे भी रोहित शेट्टी की पहचान रही है. वह तो कॉमेडी फिल्मों में भी खतरनाक स्टंट और एक्शन सीन डालने के लिए जाने जाते हैं. गोलमाल और ऑल द बेस्ट जैसी कॉमेडी फिल्में बनाने के बाद अजय देवगन और रोहित शेट्टी की जोड़ी ने इस एक्शन फिल्म में भी जान फूंकने की पूरी कोशिश की है. लेकिन जो जादू अजय 90 के दशक अपने शुरुआती समय की एक्शन फिल्मों में करते थे वह अब नदारद है. फिल्म में काफी ज्यादा मारपीट की भरमार है. एक्शन की वजह से आपको फिल्म में रोमांस दिखेगा ही नहीं.
“सिंघम” के बाद एक बार फिर उम्मीद है कि बॉलिवुड में एक्शन फिल्मों का दौर वापस आ जाए. फिल्म में अजय देवगन का लुक और फिल्म का टाइटल ट्रैक आपको “दबंग” की याद दिला देगा. फिल्म काफी फास्ट है और इसमें कुछ मसाला डालने के लिए कॉमेडी और कुछ रोमाटिक सींस को भी डाला गया है लेकिन फिल्म में मौजूद एक्शन की वजह से वह कम ही नजर आता है.
अजय देवगन के दीवानों के लिए यह फिल्म बहुत ही अच्छी है. पिछले काफी समय से अजय एक्शन फिल्मों से दूर रहे हैं लेकिन इस फिल्म में उन्होंने जमकर एक्शन किया है. फिल्म में कई एक्शन सीन अजय देवगन ने खुद किए हैं. साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ने इस फिल्म के साथ बॉलिवुड में एंट्री की है. काजोल का काम बहुत ही अच्छा है लेकिन उनके और अजय देवगन के बीच केमिस्ट्री कुछ जमती नहीं है. इस फिल्म के जरिए सोनाली कुलकर्णी ने भी अपने कॅरियर को दुबारा शुरु किया है. प्रकाश राज ने एक बार फिर साबित किया है कि मौजूदा समय में उनसे बेहतर खलनायकी कोई नहीं कर सकता.
फिल्म का संगीत इस फिल्म का एक माइनस प्वॉइंट है. टाइटल ट्रैक तो आपको “दबंग” के टाइटल ट्रैक की तरह ही लगेगा. फिल्म में सिर्फ एक्शन की ही भरमार है इसलिए हो सकता है जो लोग अजय देवगन और काजोल के बीच रोमांटिक सीन देखने की तमन्ना लेकर फिल्म देखने जाएं उन्हें मायूसी ही हाथ लगे.
रोमांटिक और कॉमेडी फिल्मों के इस दौर में “सिंघम” जैसी फिल्म एक अच्छा प्रयोग है. अगर आप भी एक्शन के दीवाने हैं तो फिल्म जरूर देखें.
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