Menu
blogid : 249 postid : 199

Mr. Singh Mrs. Mehta: फिल्म समीक्षा

Entertainment Blog
Entertainment Blog
  • 217 Posts
  • 243 Comments

मुख्य कलाकार : प्रशांत नारायणन, अरुणा शील्ड्स, नावेद असलम, लुसी हुसैन

निर्देशक : प्रवेश भारद्वाज

तकनीकी टीम : निर्माता- टुटु शर्मा, मनु एस कुमारन, लेखक-प्रवेश भारद्वाज, संगीत- उस्ताद सुजाता हुसैन खान, सारंग देव, गीत- अमिताभ वर्मा

प्रवेश भारद्वाज की फिल्म मिस्टर सिंह मिसेज मेहता हिंदी फिल्मों में बार-बार दिखाई जा चुकी विवाहेतर संबंध की कहानी को नए एंगल से कहती है। प्रवेश भारद्वाज विवाहेतर संबंधों पर कोई नैतिक या सामाजिक आग्रह लेकर नहीं चलते। खास परिस्थिति में चार किरदारों और उनके बीच के संबंधों को उन्होंने सहज और संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया है। फिल्म की प्रस्तुति में कोई ताम-झाम नहीं है और न ही उनके किरदार जिंदगी से बड़े हैं।


लंदन की व्यस्त और आपाधापी भरे जीवन में हम मिस्टर सिंह और मिसेज मेहता के अवैध संबंध से परिचित होते हैं। निर्देशक की रुचि उनके संबंधों में नहीं है। वे उनके लाइफ पार्टनर की जिंदगी में उतरते हैं। मिस्टर सिंह की पत्‍‌नी नीरा और मिसेज मेहता के पति अश्रि्वनी के दंश, द्वंद्व और दुविधा को प्रवेश ने काव्यात्मक तरीके से चित्रित किया है। अपने पति के विवाहेतर संबंध से आहत नीरा मिसेज मेहता के पति से मिल कर अपना दुख-दर्द बांटती है। दो आहत व्यक्तियों को एक-दूसरे की संगत में राहत मिलती है। वे करीब आते हैं और अनायास खुद को हमबिस्तर पाते हैं। नीरा बदले की भावना से ग्रस्त नहीं है और न ही अश्विनी मौके का फायदा उठाता है। बस, दोनों के बीच वही घटता है, जिस से वे आहत हैं।


प्रवेश भारद्वाज ने शहरी माहौल में भावनात्मक तौर पर असुरक्षित दो व्यक्तियों के शारीरिक संबंध को उचित या अनुचित बताने या ठहराने के बजाय परिस्थितियों के चित्रण पर ध्यान दिया है। उन्होंने अंतरंग दृश्यों में भी शालीनता बरती है। दृश्यों को उत्तेजक और कामुक नहीं होने दिया है। फिल्म के नग्न दृश्य अश्लील नहीं लगते, क्योंकि निर्देशक का उद्देश्य दर्शकों को उत्तेजित करना नहीं है। नीरा और अश्रि्वनी के संबंधों की कोमलता को प्रवेश ने गीत-संगीत से निखारा है। संवादों में अव्यक्त भाव गीतों में व्यक्त हुए हैं। अमिताभ वर्मा और उस्ताद शुजात हुसैन खान के गीत-संगीत से कथ्य और भाव को गहराई मिली है। कलाकारों में प्रशांत नारायणन प्रभावित करते हैं। पहली फिल्म में प्रवेश भारद्वाज की संभावनाएं नजर आती हैं। मेलोड्रामा और मुठोड़ न होने से फिल्म थोड़ी सुस्त लग सकती है, किंतु इस फिल्म की यही स्वाभाविक गति हो सकती थी।

*** तीन स्टार


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh