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निर्देशक: हराल्ड ज्वार्ट
मुख्य कलाकार: जाडेन स्मिथ, जैकी चेन, तराजी पी हेनसन, झेनवेई वेंग
एक्शन / ड्रामा
बचपन में एक फिल्म देखी थी जिसका नाम था “कराटे किड” परन्तु उस फिल्म में कराटे से ज़्यादा नैतिकता का पाठ था जहाँ एक गुरु कराटे के माध्यम से अपने शिष्य को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से लड़ना सिखाता है. वह समय था बचपन का परन्तु आज हम जवान हो गए हैं और शायद समय के थपेडों ने हमें नैतिकता का पाठ भी पढ़ा दिया है. लेकिन अब एक बार फिर सोनी पिक्चर्स युवा पीढ़ी के लिए लाए हैं “द कराटे किड”.
एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2010 में 1970 और 80 के दशक की फिल्मों के सबसे ज़्यादा रीमेक बनाए जाएंगे. इनमें से कितनी सफलता के कदम चूमेंगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. परन्तु यह बात तो सत्य है कि द कराटे किड है एक मज़ेदार फिल्म.
फिल्म की कहानी
द कराटे किड में 12 वर्षीय ड्रे पार्कर (जाडेन स्मिथ) अपनी माँ (तराजी पी हेनसन ) के साथ चीन आता है. अकेला 12 वर्षीय ड्रे पार्कर को नयी जगह में बसने में कठनाई होती है तभी उसकी दोस्ती एक लड़की में यिंग से होती है परन्तु इन दोनों की यह दोस्ती चेंग (झेनवेई वेंग) को पसंद नहीं आती. चेंग जो मार्शल आर्ट्स सीखता था हमेशा इन दोनों की दोस्ती के खिलाफ़ रहता था और ड्रे पार्कर को सताता था.
तभी फिल्म में हेन (जैकी चेन) का आगमन होता है. हेन जब भी ड्रे पार्कर को चेंग के द्वारा मार खाते देखता है, वह उसका अपने कुंगफू के द्वारा उसका बचाव करता है और दोनों के मध्य शांति कराने का प्रयास भी करता है. शांति बनाने के लिए हेन चेंग के गुरु के पास भी जाता है परन्तु घमंडी गुरु पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता. गुरु दोनों बच्चों के बीच मामला सुलझाने के लिए एक प्रस्ताव रखता है जिसके अनुसार दोनों बच्चे आने वाली मार्शल आर्ट्स की प्रतियोगिता में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे. शर्त को मानते हुए हेन ड्रे पार्कर को कुंगफू सिखाने लगता है.
क्या है नया
अगर हम 1984 की कराटे किड से द कराटे किड की तुलना करें तो पिछली फिल्म की तुलना में पटकथा में अंतर है. ड्रे पार्कर का अभिनय कर रहे जाडेन स्मिथ प्रसिद्ध अभिनेता विल स्मिथ के पुत्र हैं और फिल्म विल स्मिथ द्वारा प्रस्तुत की गयी है अतः आप जाडेन को हर भूमिका में देख सकते हैं जो इस फिल्म को और भी रोचक बनाता है. हमेशा की तरह जैकी चेन ने बहतरीन अभिनय किया है जो एक गुरु के तरह दर्शकों के सामने आए हैं. हालांकि फिल्म का नाम कराटे किड है परन्तु इस फिल्म में कराटे के बदले कुंगफू दिखाया गया है. कहीं-कहीं पर फिल्म कमज़ोर पड़ी है परन्तु फिल्म में कुछ ऐसे दृश्य हैं जो लोगों को ऊबने से मना करते रहते हैं जैसे की ड्रे पार्कर और में यिंग के बीच फिल्माया गया नृत्य. यह सब मिलकर इस फिल्म को एक अच्छी फिल्म बनाते हैं.
‘द कराटे किड’ ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर अभी तक जबरदस्त कामयाबी हासिल की है जिसका मुख्य कारण शायद बच्चों की गर्मियों की छुट्टी है. अगर हम इस फिल्म का आकलन करें तो इस फिल्म को 5 पांच में से 3.5 स्टार मिलते हैं. सही मायनों में यह फिल्म घरवालों के साथ देखने के लिए अच्छी फिल्म है.
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